तिलक की चमत्कार मान जायेंगे आप
हम बात कर रहे है तिलक लगाने की परम्परा जिसे लोग ‘टीका लगाना’ भी कहते है। आपने पूजा पाठ, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, और कई रस्मों आदि के दौरान तिलक लगाते हुए देखा होगा। आखिर क्यों लगाया जाता है तिलक?
आपको बता दें की आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है। अलग अलग चीजों के तिलक से कई तरह के लाभ होते है। शास्त्रों के अनुसार और ज्योतिष में भी तिलक लगाना भाग्यशाली माना जाता है।
माथे पर तिलक सबसे अधिक लगाया जाता है और ये जितना शुभ माना जाता है इसके स्वास्थ्य-वर्धक फायदे भी है। माथे पर नियमित रूप से तिलक लगाने से नाड़ी मंडल की परिशुद्ध सक्रियता से इनसोमनिया और साइनस जैसे रोग से छुटकारा मिलता है।
मंदिरों में खासकर आपने हल्दी चन्दन का टीका लगते हुए देखा होगा इससे त्वचा शुद्ध होती है। मानसिक शांति के लिए ये तिलक काफी उत्तम माना जाता है। चन्दन जहाँ माथे को ठंडक देने का काम करता है वहीँ हल्दी में एंटी बेक्ट्रियल तत्व होते है जिससे रोगों से निजात मिलती है।
योगी लोग मेडिटेशन शुरू करने से पहले अपने माथे पर तिलक और तिपुण्ड लगाते है क्योंकि इसी जगह पर आज्ञा चक्र में उपस्थित पिण्ड में जुड़ी सभी नाडिय़ों का समूह होता है।
ऐसा करने से मस्तिष्क शान्त रहता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। तिलक लगाने से हमारे माथे के पिट्यूटरी ग्लैण्ड्ज सक्रिय होने लगते है जिसके कारण से शरीर से आलस्य दूर होता है और दिमागी शक्ति में इजाफा होता है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। ज्योतिश शास्त्र के मुताबिक तिलक लगाने से ग्रह शांत होते हैं।