नहीं मिला था निमंत्रण, इसलिए एक महीना यहां कौओं का प्रवेश बंद
वहां के स्थानीय लोगों ने बताया एक महीने तक लगने वाले मेले में काले काग (कौआ) का प्रवेश नहीं होता। पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है, जब प्राचीनकाल में जगतपिता ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड में यज्ञ किया तो 33 करोड़ देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। वह सभी यज्ञ में भाग लेने आए लेकिन काला काग (कौआ) को निमंत्रण नहीं दिया गया इसलिए आज भी 1 महीने तक इस स्थान पर कौआ नहीं आता।
13 जून तक मलमास चलेगा। पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय लोग श्रद्धालुओं को हर सुख-सुविधा देने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। तीन साल पर लगने वाले इस मेले का जितना इंतजार भक्तों और सैलानियों को होता है, उतना ही लोकल दुकानदारों को होता है।