July 5, 2024     Select Language
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मंदिर की घंटी, दिमाग को शांत करने की अचूक दवा

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कोलकाता टाइम्स 

हिंदू धर्म और विज्ञान का एक-दूसरे से गहरा संबंध है। इस बात को बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी मान चुके हैं। हिंदू धर्म की सभी परंपराओं के पीछे धार्मिक कारण के साथ-साथ कोई न कोई वैज्ञानिक कारण भी मौजूद है। अगर हम कहे कि इन परंपराओं का चलन ही आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया था तो भी गलत नहीं होगा।

तुलसी न चबाना : हिंदू धर्म में तुलसी को देवी का रूप माना जाता है। इसी वजह से तुलसी को न चबाने की मान्यता है। ये तो हुई धार्मिक मान्यता की बात, अब जानते हैं इसका वैज्ञानिक कारण। विज्ञान के हिसाब से तुलसी में पारे और लोहे की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके चलते इसे चबाने पर दांतों से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।

परिक्रमा करना: किसी भी मंदिर में भगवान की मूर्ति स्थापित करने से पहले उसके नीचे मंत्र आदि लिखे हुए तांबे के बर्तन रखे जाते हैं। तांबे के ये बर्तन धरती में मौजूद तरंगों के साथ मिलकर सकारात्मक ऊर्जा छोड़ते हैं। रोज़ मंदिर जाने से और भगवान की परिक्रमा करने से वह ऊर्जा हमें प्राप्त होती है, जो हमारे लिए लाभदायक होती है।

पंचामृत का महत्व: पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री इन 5 चीजों से मिलकर बनाया जाता है। हिंदू धर्म की हर पूजा और हवन में पंचामृत अर्निवाय होता है। विज्ञान की माने तो इसमें मिलाई जाने वाली सभी चीजें स्कीन, बाल, दिमाग आदि के लिए फायदेमंद होती हैं।

उपवास करना: उपवास करने की सलाह धर्म और विज्ञान दोनों में ही दी जाती है। धर्म-ग्रंथ कहते हैं कि उपवास करने पर देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। वही विज्ञान कहता है कि कभी-कभी अनाज न खाते हुए फल आदि खाने पर हमारे शरीर की सफाई होती है। साथ ही हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है।

सुबह उठते ही हथेली देखना :हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हमारी हथेली में भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती का वास होता है। इसीलिए सुबह उठते ही हथेली के दर्शन करना शुभ होता है। वही विज्ञान कहता है कि सुबह उठते ही तुरंत खड़े हो जाने पर दिल का दौरा पड़ सकता है। इसी कारण से लोगों को सुबह उठकर कम से कम 5 मिनट बिस्तर में ही बैठने की सलाह दी जाती है।

पीपल को जल चढ़ाना :धर्म-ग्रंथों के अनुसार, पीपल के पेड़ पर देवी-देवताओं का वास होता है और इसी वजह से पीपल को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। वही विज्ञान कहता है कि पीपल एकमात्र ऐसा पेड़ हो तो रात के समय ऑक्सीजन छोड़ता है। इसलिए पीपल की पेड़ लगाना या उसके पास जाना अच्छा होता है।

ज़मीन पर बैठकर भोजन करना: हिंदू परंपरा के अनुसार, जमीन पर पैरों की पालती मारकर बैठना चाहिए और ऐसे ही भोजन करना चाहिए। इसके पीछे का वैज्ञानिक तर्क कहता है कि ज़मीन पर पालती मारकर बैठते समय हम सुखासन की मुद्रा में होते हैं। सुखासन में बैठने पर हमारा पाचन तंत्र पूरी तरह से सक्रिय होता है। इससे हमारा भोजन आसानी से पच सकता है।

मंदिर की घंटी बजाना : मंदिर की घंटी बजाने से बुरी शक्तियां आपके आसपास नहीं आ पाती। वहीं इसका वैज्ञानिक तर्क है कि घंटी की आवाज 7 सेकंड तक हमारे दिमाग में ईको करती है। इससे हमारा दिमाग शांत होता है और हमारी एकाग्रता बढ़ती है।

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