May 20, 2024     Select Language
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29 फरबरी तक नहीं बुलाया सत्र तो फंसी शहबाज और आसिफ की कुर्सी का सपना 

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कोलकाता टाइम्स : 
पीएम के लिए शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति के लिए आसिफ अली जरदारी का नाम तय हुआ है. इस बीच, 29 फरवरी का एक नया संकट सामने आ गया है. जी हां, पाक कानून के तहत नई निर्वाचित असेंबली का पहला सत्र आम चुनाव के 21 दिन के भीतर हो जाना चाहिए. 8 फरवरी को चुनाव हुए थे, संसद का सत्र 29 फरवरी तक हर हाल में बुलाया जाना चाहिए.
नवाज शरीफ की पार्टी PML-N के एक नेता ने कहा है कि कानून के तहत संसद सत्र बुलाने का जो नियम है, वह 29 फरवरी को पूरा किया जाएगा. कानून मंत्रालय ने पहले ही सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेज रखा है लेकिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की तरफ झुकाव रखने वाले अल्वी ने अब तक इसे मंजूर नहीं किया. ऐसे में पाक मीडिया में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर राष्ट्रपति ने मना किया तो संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है.

राष्ट्रपति का मानना है कि संसद का निम्न सदन अभी अधूरा है क्योंकि कुछ रिजर्व सीटों का आवंटन नहीं हुआ है. वैसे, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को आरक्षित सीटें आवंटित कर दी हैं लेकिन पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों के उनके रैंक में शामिल होने के बाद उसने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल को रिजर्व कोटा नहीं दिया है. आयोग का कहना है कि ये मामला पेंडिंग है.

अंदरखाने पता चल रहा है कि राष्ट्रपति ने सत्र के प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया है और न ही खारिज. उन्होंने केवल मौखिक प्रतिक्रिया दी है. अब पीएमएल-एन के नेता कह रहे हैं कि अगर राष्ट्रपति संविधान के तहत ऐसा नहीं करते हैं कि नेशनल असेंबली के स्पीकर 29 फरवरी को सत्र बुला सकते हैं.

पाकिस्तान में संविधान के आर्टिकल 91 (2) के तहत आम चुनाव के 21 दिन के भीतर नेशनल असेंबली का सत्र आयोजित किया जाना अनिवार्य है.

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