May 20, 2024     Select Language
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भूख से बिलखती जनता को रोटी नहीं, शहबाज ने फिर दिखाया कश्मीर का हसीन सपना 

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कोलकाता टाइम्स : 
पीटीआई समर्थकों ने चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीतीं. फिर भी पीएम की कुर्सी मिली नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ को. विवादास्पद चुनावों और उसके बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के कई दिन बाद, तीन मार्च को संसद में एक छोटी सी सियासी फाइट हुई. जिसमें  पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शहबाज शरीफ इस्लामाबाद के नए रहनुमा चुन लिए गए. शहबाज का विजयी भाषण पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित सांसदों के व्यापक हंगामे और नारेबाजी के बीच हुआ, इस दौरान सदन के गलियारे के दूसरी ओर से उन्हें ‘चोर’ तक कह दिया गया.
अपने भाषण में, मनोनीत प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह मुल्क की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए गंभीर सर्जरी करना चाहते हैं. शहबाज ने ये भी कहा, वो देश को संभालने के लिए सिस्टम में बदलाव लाएंगे और नकदी संकट से जूझ रहे देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालेंगे और 2030 तक पाकिस्तान को G-20 की सदस्यता दिलाना सुनिश्चित करेंगे.

शहबाज शरीफ ने इस दौरान पाकिस्तान के ऊपर मंडरा रहे खतरनाक लोन संकट के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे नेशनल असेंबली के खर्चों का भुगतान भी उधार के पैसे से किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘अगर हम कड़े फैसले लेते हैं. एक गंभीर सर्जरी करने यानी कि सिस्टम में बदलाव लाने और बुनियादी सुधार करने का फैसला लेते हैं तो मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि हम या तो कर्ज की जिंदगी से छुटकारा पा सकते हैं या फिर शर्म से सिर झुकाकर आगे बढ़ सकते हैं.’

अपने पहले भाषण में शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया. शहबाज शरीफ जिनके मुल्क में करोड़ों लोगों के पास खाने के पैसे नहीं है. जिस संसद में खड़े होकर खुद वो पहला भाषण दे रहे थे, उसका खर्च भी विदेश से आई फंडिंग यानी कर्ज से चल रहा है. मुल्क की माली हालत पर फोकस करने के बजाए शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा.

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