हैरान रह जायेंगे जानकर कैसे दो अस्पतालों के डॉक्टरों के अनोखे योजना ने दो सुहाग उजड़ने से बचाया
जानकारी के मुताबिक करीमनगर के रहने वाले बिल्ला मल्लैह को तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। वे डेक्कन में भर्ती थे। उनकी पत्नी बी पद्मा उन्हें अपनी किडनी देना चाहती थी लेकिन ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो रहा था। दरअसल बी पद्मा का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है, जबकि उनके पति का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव है।
दूसरी ओर से वारंगल के रहने वाले बनोथ राजू को भी तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। वो केआईएमएस अस्पताल में भर्ती थे। उनकी पत्नी बी सुनीता भी उन्हें अपनी किडनी देना चाहती थी लेकिन ब्लड ग्रुप मैच नहीं किया। दरअसल बी सुनीता का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था जबकि उनके पति का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था।
आखिरकार दोनों अस्पताल के डॉक्टर्स ने तुरंत स्वैप ट्रांसप्लांट की योजना बनाई। संबंधित अधिकारियों से अनुमति मांगने के बाद और दोनों परिवार से जुड़े लोगों की स्वीकृति के बाद स्वैप ट्रांसप्लांट की योजना को आगे बढ़ाया गया। दोनों महिलाओं की किडनी एक-दूसरे के पति को ट्रांसप्लांट की गई। डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक इस ट्रांसप्लांट पूरा किया। इस तरह से दोनों महिलाओं ने अपने-अपने पति की जिंदगी बचा ली।