May 20, 2024     Select Language
Home Archive by category साहित्य व कला (Page 4)

साहित्य व कला

Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

स्कूलों में स्मार्ट फ़ोन के प्रयोग पर पाबन्दी की पुकार
[kodex_post_like_buttons]

–डॉ सत्यवान सौरभ फायदों के बावजूद स्मार्टफोन जैसी डिजिटल तकनीकों का बढ़ता दुरूपयोग बच्चों को शिक्षा से दूर ले जा रहा है। किसी नशे की तरह बच्चे इसकी लत का शिकार बनते जा रहे हैं।  ऐसा कहा जाता है कि स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाने से क्लास में अनुशासन बना रहेगा और बच्चों को […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

कहाँ खड़े हैं आज हम?
[kodex_post_like_buttons]

– डॉo सत्यवान सौरभ (विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है. हालांकि भारत महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में प्रमुख बिंदुओं पर खरा उतरता है, लेकिन व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में घरेलू मुद्दों के […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

सांसदों और विधायकों के लिए ‘नो वर्क- नो पे’ की नीति लागू की जाए
[kodex_post_like_buttons]

-प्रियंका सौरभ केवल राजनेताओं को ही मजा क्यों लेना चाहिए?  हम संसद में गतिरोध, व्यवधान देख रहे हैं और यह चलन बढ़ रहा है। राजनेता हमारे पैसे पर सवार हैं, अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर रहे हैं, अपने निहित स्वार्थ के लिए संसद का कामकाज बंद कर रहे हैं, उन्हें बर्बाद किए गए समय के […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

छुआछूत की बीमारी की तरह फैलती है हिंसा
[kodex_post_like_buttons]

–डॉ सत्यवान सौरभ   हिंसा के शिकार लोगों को समझाना जरुरी है।  बदला लेने की मानसिकता नुक़सान करवाती है, ताकि वो फिर उसी हिंसक दुष्चक्र में न फंस जाएं।  कोई शराबी है या ड्रग का आदी है, तो उसकी इलाज करने में मदद की जाती है।  फिर उसे रोज़गार दिलाने की कोशिश होती है।  तभी कोई भी […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

बेगानों से सोशल मीडिया के जरिये परवान चढ़ता प्रेम या फितूर
[kodex_post_like_buttons]

-डॉ सत्यवान सौरभ इन घटनाक्रमों ने एक बार फिर से सोशल मीडिया की सामाजिकता को लेकर बहस तेज कर दी है। हाल की दोनों घटनाओं को छोड़ भी दें तो देश में हजारों किस्से ऐसे हैं कि जिनमें सोशल मीडिया के जरिये लड़कियों से छल किया गया। उन्हें लूटा गया और उनकी हत्या तक कर […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

चीरहरण को देख कर, दरबारी सब मौन प्रश्न करे अँधराज पर, विदुर बने वो कौन
[kodex_post_like_buttons]

प्रियंका सौरभ यहां बात सिर्फ आरोप-प्रत्‍यारोपों की नहीं है। सवाल सिस्‍टम के बड़े फेलियर का है। क्‍या सिर्फ वीडियो वायरल होने के बाद सरकार के संज्ञान में कोई घटना आएगी? उसका तंत्र क्‍या कर रहा है? क्‍यों दो महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई? क्‍या लोगों की निशानदेही नहीं की जा सकती थी? ऐसे कई […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

दफ्तरों के इर्द-गिर्द खुशियां टटोलते पति-पत्नी
[kodex_post_like_buttons]

-प्रियंका सौरभ आज एकल परिवार और महिलाओं की नौकरी पर जाने से दांपत्य सुख के साथ-साथ पारिवारिक सुख जो होना चाहिए वह नहीं है। बच्चे किसी और पर आश्रित होने के कारण टीवी मोबाइल में घुसे रहते हैं। कामकाजी पति-पत्नी के मामलों में यह बात सामने आ रही है कि दोनों ऑफिस के बाद घर […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

महिलाएँ: समाज की वास्तविक वास्तुकार
[kodex_post_like_buttons]

प्रियंका सौरभ हमारा समाज कहता है, पृथ्वी पर सबसे मूल्यवान वस्तु ‘स्त्रियाँ’ हैं। आइए इस धरती पर हर महिला को सलाम करें। ‘महिलाएं समाज की वास्तविक वास्तुकार हैं, वे जो चाहें वह बना सकती हैं।’ “एक महिला क्या चाहती है”? – समय, देखभाल और बिना शर्त प्यार, आदि। इस धरती पर प्रत्येक महिला गरिमा, संस्कृति […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

आखिर क्यों नदियां बनती हैं खलनायिकाएं?
[kodex_post_like_buttons]

-डॉ सत्यवान सौरभ हाल के वर्षों में नदियों के पानी से डूबने वाले क्षेत्रों में शहरी बस्तियां बसने की रफ़्तार तेज़ हो गई है. इस कारण से भी बाढ़ से होने वाली क्षति का दायरा बढ़ रहा है. क्योंकि किसी भी शहर का भौगोलिक दायरा और आबादी बढ़ने से ज़्यादा से ज़्यादा लोगो के बाढ़ […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

भारत की बाढ़ प्रबंधन योजना का क्या हुआ?
[kodex_post_like_buttons]

राष्ट्रीय बाढ़ आयोग की प्रमुख सिफ़ारिशें जैसे बाढ़ संभावित क्षेत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन और फ्लड प्लेन ज़ोनिंग एक्ट का अधिनियमन अभी तक अमल में नहीं आया है। सीडब्ल्यूसी का बाढ़ पूर्वानुमान नेटवर्क देश को पर्याप्त रूप से कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, अधिकांश मौजूदा बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशन चालू नहीं हैं। 2006 […]Continue Reading