ठीक चुके मरीजों पर कोरोना ढा रहा नया कहर
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देशभर में लाखों लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं पर इस खबर ने सभी को सकते में डाल दिया है।
दिल्ली में सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी की रिसर्च में पुन: संक्रमण का खुलासा हुआ है। इसमें नोएडा के दो और मुंबई के चार हेल्थकेयर वर्कर्स में दोबारा संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली की ओर से पेश किए रिसर्च के अनुसार नोएडा के गर्वमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) अस्पताल के दो हेल्थकेयर वर्कर्स में दोबारा संक्रमण का मामला सामने आया है जो देश में दोबारा संक्रमण का पहला मामला हो सकता है.
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी IGIB की एक टीम ने अब तक देश भर से 16 हेल्थकेयर वर्कर्स के सैंपल्स की जांच की। जिसमें स्वाब सैंपल्स में से एक पहले संक्रमण को और दूसरा दोबारा संक्रमण को दर्शाता है।
व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना वायरस से हमेशा के लिए लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाती और जैसे ही व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ती है तो पहले से शरीर में मौजूद वायरस शरीर पर हमला कर देता है।
ऐसे में मरीज दोबारा से संक्रमित हो जाता है। जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके 14 प्रतिशत लोगों में दोबारा से संक्रमण दिख सकता है।
नोएडा के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई और तेलंगना से भी ऐसे मामले आने से कोरोना वायरस ने एक बार फिर से लोगों में चिंता बढ़ा दी है।
इस पर वैज्ञानिकों के एक तबके का कहना है कि दोबारा संक्रमित होना कोई अचरज भरी बात नहीं है, ये एक सामान्य प्राकृतिक घटना है। लेकिन एक दूसरे वर्ग की राय है कि कोरोना वायरस शरीर में दोबारा सक्रिय होने से पहले कहीं दुबककर छुप जाता है।