स्विस बैंक में 1955 से पहले के हजारों खाते में अरबों लावारिस
कोलकाता टाइम्स :
स्विस बैंक में १९५५ से पहले खोले गये हजारों खातों का कोई वारिश नहीं है तथा ये कम से कम ५० वर्ष से निष्क्रिय हैं। यह जानकारी स्विस बैंक द्वारा की गई जांच के बाद उपलब्ध हुई है। सूत्रों के मुताबिक यह पहल युद्ध के दौरान नाजियों द्वारा लूटे गये धन को छिपाने के ठिकाने का पता लगाने में सहायक हो सकती है। सूत्रों के अनुसार खातों की जांच स्विस के नए कानून के अंतर्गत की गई है। नये कानून में बैंकों के लिए ६० साल पूर्व खोले गए खातों एवं ५० साल में निष्क्रिय अथवा लावारिश खातों की सूचना प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया गया है। स्विस बैंक संघ के एक प्रवक्ता ने रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि उस दौरान खोले गए इन खातों में से स्विस एवं विदेशी ग्राहक भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन खातों में कोई नाजी संबंध देखने को नहीं मिला है तथा बैंक किसी खास समूह की जांच नहीं कर रहे थे। प्रवक्ता ने बताया कि लावारिश धन ािक सरकार को सौंपने से पहले उसके वारिश अथवा हितग्राहियों के बारे में खोजबीन करना जरूरी है। १९९० के दशक में विश्व यहूदी कांग्रेस के नेतृत्व में प्रलय पीड़ित लोगोें की संपत्ति वापस करने की मांग के बाद स्विटजरलैंड में लावारिश खाता प्रमुख मुद्दा बन गया है।