May 9, 2024     Select Language
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मिला ऐसा ‘सोने’ का भंडार, पूरे देश की किस्मत बदल देगा 

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कोलकाता टाइम्स : 
मेरिका के एक प्राचीन ज्वालामुखी में लिथियम का इतना बड़ा भंडार होने का अनुमान लगाया गया है कि इससे पूरी दुनिया की सूरत बदल सकती है. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि यह भंडार दुनिया में लिथियम की कुल मांग के सबसे बड़े हिस्से की आपूर्ति कर सकता है, जिससे लीथियम पर चीन का एकाधिकार खत्म हो सकता है. वैज्ञानिकों के एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, नेवादा-ओरेगन सीमा पर स्थित मैकडरमिट काल्डेरा में लिथियम भंडार का खजाना दबा है, जिसे दुनिया सफेद सोना कहकर बुलाती है.
‘विऑन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में मिले इस भंडार से जुड़े प्रोजेक्ट का स्वामित्व ‘लिथियम नेवादा’ के पास है, जिसने विशाल लिथियम रिजर्व की खोज से जुड़े शोध के लिए काफी बड़े पैमाने पर फंडिग की है. इस काम में जुड़ी कंपनी के मुताबिक, क्रेटर के सबसे दक्षिणी किनारे में लिथियम की उच्चतम सांद्रता है. एक अनुमान के मुताबिक विशाल क्रेटर में करीब 20 से 40 मिलियन टन लिथियम जमा है, जो दुनिया में कहीं भी पाए जाने वाले कंसंट्रेशन से दोगुने से भी अधिक है.

अध्ययन से पता चलता है कि जब करोड़ों साल पहले पहले प्राचीन सुपर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था, तब गर्म तरल मैग्मा जमीन में दरारों और दरारों के माध्यम से रिस गया, जिससे यहां की मिट्टी की मिट्टी लिथियम से समृद्ध हो गई.

आज पर्यावरण को बचाने के लिए दुनिया के कई देश जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं. डीजल-पेट्रोल के बजाए इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन बढ़ गया है. इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने के लिए बैटरी की जरूरत पड़ती है. बैटरी बनाने में लिथियम की बड़ी भूमिका होती है. माना जाता है कि आने वाला जमामा ऐसी गाड़ियों का है. इसलिए लीथियम की इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उसे ‘सफेद सोना’ कहा जाता है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों के अलावा टरबाइन बनाने और सोलर पैनल बनाने में होता है.

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