May 8, 2024     Select Language
Home Archive by category धर्म (Page 2)

धर्म

Editor Choice Hindi KT Popular धर्म

यह 7 उपाय और स्वास्तिक से चमक उठेगी आपकी किस्मत
[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : सनातन धर्म में स्वास्तिक को परब्रह्म की संज्ञा दी गई है। पुराणों में स्वास्तिक को धन की देवी लक्ष्मी तथा बुद्धि के देवता भगवान गणपति का प्रतीक भी माना गया है। स्वास्तिक संस्कृत के दो शब्दों ‘सु’ एवं ‘अस्ति’ से मिलकर बना है जिनका अर्थ है ‘शुभ हो’, ‘कल्याण हो’। ज्योतिष में […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म

खूबसूरती के साथ घर भी गया, पछता रहे हैं मियां-बीवी
[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :  आजकल लोग अपनी ज़िंदगी को एंजॉय कम करते हैं और सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखने के लिए ज्यादा परेशान रहते हैं. हालांकि ब्रिटेन में रहने वाले एक कपल ने जो किया, वो अच्छा दिखने के जुनून की इंतेहां थीं. दिखावे के दौर में लोग अपने से ज्यादा ख्याल इस बात का रखते हैं […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म

OMG : अपने एक काम से महिला ने बचाए 6,35,538 रुपये 
[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : क्रिसी मिलान नाम ने अपनी ज़िंदगी में कंजूसी की आदत से खूब मुनाफा कमाया है. महिला को थाइलैंड घूमते हुए ये आइडिया आया कि वो अपनी लाइफस्टाइल पर फालतू का खर्चा करती है. इसके बाद क्या था, वापस लौटकर ही उसने अपना बटुआ बांधकर रख दिया और सालभर से कोई शॉपिंग नहीं […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

सावधान! खुलने वाले है घोषणा पत्र यानी वादों के पिटारे
[kodex_post_like_buttons]

-प्रियंका सौरभ भारत में चुनावी वर्ष नज़दीक आते ही राजनीतिक पार्टियाँ सत्ता में आने के लिये लोक-लुभावनी घोषणाएँ करने लगती हैं, जैसे मुफ्त में बिजली-पानी, लैपटॉप, साइकिल आदि देने के वायदे करना आदि। यह प्रचलन लोकतंत्र में चुनाव लड़ने के लिये सभी को समान अवसर मिलने के मूल्य के उल्लंघन को तो दर्शाता ही है, साथ ही सत्ता में […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

“आया राम गया राम” ने लंबे समय से भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित किया है।
[kodex_post_like_buttons]

-डॉ. सत्यवान सौरभ दल-बदल विरोधी कानून सरकार स्थिरता में कारगर होने की बजाय खरीद फरोख्त का तरीका है। ” दल-बदल क़ानून के दायरे से बचने के लिए विधायक या सांसद इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि जिस पीरियड के लिए वो चुने गए थे, अगर उससे पहले उन्होंने स्वेच्छा से […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक धर्म

50 सालों से सिर्फ एक ड्रिंक, नहीं पिया एक भी बूंद पानी
[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : सभी जानते हैं कि एक इंसान के लिए पानी सबसे ज्यादा जरूरी है. बिना पानी के इंसान 7 दिनों तक जिंदा नहीं रह सकते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताना जा रहे हैं. जिसने लगभग पचास सालों से पानी नहीं पिया है. इस शख्स का कहना […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव  
[kodex_post_like_buttons]

–प्रियंका सौरभ राजनीति अपनी जगह है लेकिन राम मंदिर करोडों भारतीयों के लिए आस्था का विषय है। राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आज के भारत का मिजाज़, अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म मनोरंजन

एनजीओ की गतिविधियों पर नजर समय की मांग
[kodex_post_like_buttons]

-डॉ सत्यवान सौरभ कोई एनजीओ, जिसके पास पैसे की कमी नहीं है, अपनी मनमर्जी काम करता रहेगा, चाहे वह कानून विरुद्ध ही क्यों न हो। लेकिन ऐसा करने के पहले, वह बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त अधिकारियों, जजों, प्रभावशाली नेताओं आदि को अपने ‘बोर्ड या ट्रस्ट’ में शामिल कर लेगा। उनका काम कुछ खास नहीं होगा, […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक
[kodex_post_like_buttons]

–डॉ. सत्यवान सौरभ रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को हल करने में लगेंगे कई साल, वैकल्पिक और टिकाऊ तरीकों पर विचार करना बुद्धिमानी। किसानों को उर्वरकों के उपयोग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करें, जिसमें सही मात्रा, समय और उपयोग की तकनीकें शामिल हैं। जो किसान अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे वे निर्णय लेने में बेहतर ढंग से […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

समान नागरिक संहिता देश और समाज के विकास का महत्वपूर्ण आधार बनेगी।
[kodex_post_like_buttons]

-प्रियंका सौरभ यूसीसी देश की राजनीति के सबसे विवादित मुद्दों में रहा है। हालांकि संविधान में भी नीति निर्देशक तत्वों के रूप में इसका उल्लेख है। समानता एक सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदेशिक लोकतांत्रिक मूल्य है। इस मूल्य की प्रतिष्ठापना के लिये समान कानून की अपेक्षा है। इस लिहाज से राजनीति की सभी धाराएं इस बात […]Continue Reading