May 4, 2024     Select Language
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अपनी जीत नहीं इनकी हार के लिए कुछ भी करने को तैयार लालू के लाल  

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कोलकाता टाइम्स : 

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ हीं बिहार के राजनीतिक परिदृश्य बदल गए. जिसके कारण ही आज बिहार में लोकसभा के पड़ने वाले चालीस सीट में सबसे ज्यादा सूबे हीं नहीं देश की नजर इस सीट पर जमी हुई है. लोकसभा के चालीस में से चार सीट पर 19अप्रैल को पहले चरण में निर्विघ्न चुनाव संपन्न हो गए हैं. साथ हीं चार लोकसभा क्षेत्र से 38प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले ईवीएम में बंद होकर रह गए हैं. वहीं दूसरे चरण के मतदान 26अप्रैल को दिन शुक्रवार को बिहार के पांच लोकसभा क्षेत्र में होंगे. इन पांच लोकसभा क्षेत्र में बिहार के कोशी,अंग और सीमांचल के भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और बांका क्षेत्र हैं. शुक्रवार को होने वाले इन संसदीय क्षेत्र के मतदान के लिए आज शाम प्रचार कार्य समाप्त हो गए हैं. वहीं इन क्षेत्रों में निर्विघ्न चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए कड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य है. पूर्णिया लोकसभा सीट की निगाह पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी बड्डेरा सहित लगभग सभी दलों के नेताओं जहां लगी हुई है. जबकि यह पूर्णिया सीट राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव के साथ-साथ राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है.

पूर्णिया लोकसभा सीट से तीन बार जीतकर पप्पू यादव लोकसभा पहुंचे हैं. एक बार मुलायम सिंह यादव के समाजवादी पार्टी से वहीं दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीतकर लोकसभा में पूर्णिया का प्रतिनिधित्व किया है. इस बार भी अठारहवीं लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव पूर्णिया के रास्ते लोकसभा पहुंचने को लालायित हैं. इसी बजह से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपने जन अधिकार पार्टी का विलय राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस में कर दिया. लेकिन यह सीट बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने पप्पू यादव के बार -बार कहने के बावजूद अपने कोटे में रखा. इतना हीं नहीं कभी जनता दल युनाइटेड के वरिष्ठ नेता एवं नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल बीमा भारती ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होकर पूर्णिया सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के रुप में लोकसभा चुनाव लड़ रही है. वहीं पिछले दस साल से जनता दल युनाइटेड के सांसद रहे संतोष कुशवाहा तीसरी बार लोकसभा पहुंचने की तैयारी में हैं. जबकि गरीबों, किसानों एवं सभी वर्गो में लोकप्रिय पप्पू यादव ने राहुल गांधी के आश्वासन के बावजूद टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. कभी पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के संकटमोचक रहे हैं .लेकिन इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा होकर इंडिया गठबंधन के साथ-साथ राष्ट्रीय जनता दल के लिए आंख के किरकिरी बन गये हैं.

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