April 27, 2024     Select Language
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रानी खुद को बचाने महल की 5 मंजिलों संग डूब गयी 

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कोलकाता टाइम्स :

गर आप इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं और ऐसी जगहों की सैर पसंद करते हैं जहां कुछ नया जानने के साथ इतिहास से रूबरू होने का मौका मिले, तो भोपाल का बनाएं प्लान। यहां ऐसी कई सारी जगहें हैं, जो यकीनन आपके ट्रिप को मजेदार बना देंगी। ऐसी ही एक जगह है कमलापति महल, जो बहुत ही रहस्यमयी है। 7 मंजिला इस महल की 5 मंजिलें पानी के अंदर डुबी हुई हैं। ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से महल का ये हाल हुआ, इसके जुड़ी कई रोचक कहानियां हैं, जिसके बारे में जानेंगे आज।

300 साल पुराना है कमलापति महल 

रानी कमलापति महल का निर्माण लगभग 300 साल पहले हुआ था। इतिहास के जानकारों के मुताबिक निजाम शाह की पत्नी रानी कमलापति ने इस महल का निर्माण करवाया था। इसलिए इसका नाम कमलापति महल रखा गया था, लेकिन इसे और भोजपाल का महल और जहाज महल के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि रात के वक्त इस महल की परछाईं बिल्कुल जहाज जैसी लगती है।

लखौरी ईंटों से बना है ये महल

इस महल को खास लखौरी ईंटों से बनाया गया था, जिसे लाहौर शहर से मंगवाया गया था। ये ईंटें बहुत मजबूत होती हैं, जिससे महल को मजबूत बनाया जा सके। महल के सामने की ओर छज्जे बनाए गए हैं। महल के निचले हिस्से को भारी पत्थरों के आधार पर बनाया गया था, जिससे महल कभी भी झील में धंसे ना।

क्यों डुबा था महल?

कहा जाता है कि राजा निजाम शाह का दोस्त ‘मोहम्मद खान’ रानी कमलापति पर बुरी नजर रखता था और उन्हें अपनी रानी बनाना चाहता था। इसके चलते रानी के बेटे और मोहम्मद खान के बीच युद्ध हुआ। युद्ध में रानी के बेटे नवल शाह की मृत्यु हो गई। बेटे की मौत की सूचना मिलते ही रानी ने महल की तरफ बांध का सकरा रास्ता खुलवा दिया, जिससे तालाब का पानी महल में समाने लगा। ऐसा रानी ने खुद को बचाने के लिए किया था। थोड़ी दी देर में पूरे महल में पानी भर गया और इमारतें डूबने लगीं। रानी कमलापति ने इसी पानी में समाधि ले ली।

सन् 1989 में कमलापति महल को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को सौंपा दिया गया था।

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