April 27, 2024     Select Language
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ऐसे राज छिपे हैं 4300 साल पुराने इस मकबरे में कि खोलते ही उड़ गये होश 

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कोलकाता टाइम्स : 
जिप्ट की राजधानी कायरो से करीब 33 किलोमीटर दूर एक प्राचीन मकबरा मिला है. आर्कियोलॉजिस्ट्स की एक टीम ने हाल ही में इस मकबरे की खोज की. मकबरे की दीवारों पर बनीं पेंटिंग्‍स सही-सलामत हैं और उनमें रोजमर्रा की जिंदगी दर्शाई गई है. आर्कियोलॉजिस्ट्स जल्द ही यहां खुदाई करने की योजना बना रहे हैं ताकि यह पता लग सके कि भीतर कोई ममी बच पाई है या नहीं. मिट्टी और ईंटों से बने मकबरे को मस्ताबा कहते हैं. इसकी छत सपाट होती है और किनारे ढलान रहती है. इस आयताकार मकबरे की दीवारों पर प्राचीन इजिप्ट के जीवन को दर्शाती पेंटिंग्‍स बनी हैं. इजिप्ट (मिस्र) के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने एक बयान में जानकारी दी है. जो पेंटिंग्‍स मिली हैं, उनमें ‘अनाज को रौंदते हुए गधे’, ‘नील नदी पर चलने वाले जहाज’ और ‘बाजार में बेचे जा रहे सामान’ इत्यादि दिखाए गए हैं.

मकबरे की दीवारों पर पाए गए शिलालेखों से मालूम होता है कि यह कब्र सेनेब-नेब-अफ नाम के एक व्यक्ति और उसकी पत्नी इडेट की है. इनमें कहा गया है कि इडेट हाथोर (कामुकता, मातृत्व और संगीत से जुड़ी एक देवी) की पुजारिन थी. सेनेब-नेब-अफ ने शाही महल में कई पदों पर काम किया था जिसमें किरायेदारों के प्रशासन से निपटना शामिल था.

मकबरे वाली जगह पर खुदाई को जर्मन आर्कियोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट के स्टीफन सीडलमेयर कर रहे हैं. उन्होंने लाइव साइंस को बताया कि यह जान पाना मुश्किल है कि सेनेब-नेब-अफ असल में क्‍या-क्‍या करते थे. उन्होंने कहा कि पास में मौजूद एक शहर को महल से कंट्रोल किया जाता था. हो सकता है कि उसने तय किया हो कि वहां किसे रहना है और वही उनके लिए पैसों का इंतजाम करता हो. मकबरे की तारीख का अंदाजा शिलालेखों की स्टाइल से लगाया गया.

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